उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी
क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी गाजियाबाद-2014-15
.....कला यात्रा एक पड़ाव
-डा.लाल रत्नाकर
स्ंायोजक
क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी गाजियाबाद-2014-15
अध्यक्ष, चित्रकला विभाग,
एम.एम.एच. कालेज गाजियाबाद
क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी गाजियाबाद-2014-15
.....कला यात्रा एक पड़ाव
गाजियाबाद देश की राजधानी दिल्ली के करीब का शहर होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक शहर है। इसका विकास जितने अल्प समय में हुआ है, उससे निश्चित रूप से प्रतीत होता है कि भविष्य में यह शहर विभिन्न विधाओं का केन्द्र बनेगा। ऐसे मंे समय की मांग है कि इस शहर में कला एवं संास्कृतिक गतिविधियंा बढे। इसी दिशा में विगत कई वर्षों में अनेक प्रयास हुए हैं, उदाहरणार्थ 2004 में राज्य ललित कला अकादमी, उ0 प्र0 के तत्वाधान मे त्रिदिवसीय क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन, एक दिवसीय चित्रकला कार्यशाला, संगोष्ठी तथा संास्कृतिक कार्यक्रम जिनका प्रभाव कला शुभेक्षुआंे एवं कला प्रेमियांे पर हुआ जिसकी चर्चा लम्बे समय तक पूरे प्रदेश एवं देश के विभिन्न हिस्सांे में हुई है। 2004 के इस कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर उ0 प्र0 सरकार के राजस्व मंत्री श्री अम्बिका चैधरी एवं उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष श्री योगी जी के साथ नगर के गणमान्य जन एवं प्रशासन के अधिकारी गण भी मौजूद रहे। जबकि समापन उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी की सचिव श्रीमती अनुराधा गोयल ने किया।
जन सामान्य की प्रभावी प्रतिक्रिया स्वरूप अगले वर्ष, 2005 में राज्य ललित कला अकादमी उ0 प्र0 द्वारा त्रिदिवसीय प्रर्दशनी के लिए गाजियाबाद का पुनः चयन किया गया जिसकी अभूतपूर्व सफलता से उत्साहित हो पांच दिवसीय अखिल भारतीय कला उत्सव एवं कार्यशाला का आयोजन जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया। इसमंे देश के विभिन्न हिस्सांे से विख्यात कलाकारांे ने भाग लिया तथा अपनी कला कृतियांे की रचना का प्रदर्शन किया। तत्कालीन जिलाधिकारी माननीय श्री संतोष कुमार यादव के संरक्षकत्व में आयोजित यह अखिल भारतीय कला उत्सव गाजियाबाद, गाजियाबाद के कला इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया है। दिनांक 16 फरवरी, 2005 से 20 फरवरी, 2005 तक कविनगर सामुदायिक केन्द्र गाजियाबाद में देश के जाने माने कलाकारो का संगम रहा जिसमें मुख्यतः चित्रकारों द्वारा पांच दिवसीय कला शिविर का आयोजन, संास्कृतिक कार्यक्रम एवं दिनांक 20 फरवरी से 25 फरवरी 2005 तक चित्र प्रदर्शनी गाजियाबाद की ऐतिहासिक घटना के रूप मे जाने जायेंगे।
अखिल भारतीय कला उत्सव गाजियाबाद 2006 कलाधाम का निर्माण और चित्रकारों के साथ मूर्तिकारों का भी समावेश गाजियाबाद अपनी कला यात्रा में बढ़ चला था। प्रशासन ने इस अनिवार्यता को महसूस किया और कलाधाम की स्थापना डी ब्लाक कविनगर में हुई। यह कलाओं के विकास का एक सुयोग ही था कि किसी जनपद में प्रशासन इतनी तीव्रता से कला के विकास का एक केन्द्र निर्मित कराए। अब इस स्थान ने आकार ले लिया था जिसका सारा श्रेय जिलाधिकारी संतोष कुमार यादव को जाता है। उनके इस प्रयास से गाजियाबाद में कलाओं के उत्थान के लिए कला आन्दोलन को गति मिली।
अखिल भारतीय कला उत्सव गाजियाबाद 2007 (पूर्ण प्रायोजित कार्यक्रम दीप मेमोरियल पब्लिक स्कूल रामप्रस्थ गाजियाबाद के साथ-चित्रकारों एवं मूर्तिकारों का समारोह) समय की मांग और संरक्षण की मंशा ने यह प्रयोग करने को विवश किया था, लेकिन यह कार्यक्रम ऐसे अनेक अनुभवों को छोड़ गया जो न तो कला के लिए और न ही संयोजक के नाते आगे के लिए अनुकरणीय थे। फिर भी जो कुछ हुआ वह बहुत था। विराम काल 2008, 2009, 2010, 2011, 2012
अखिल भारतीय कला उत्सव गाजियाबाद 2013 यह महज संयोग ही था कि नोएडा में उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की ओर से प्रायोजित 2003 की क्षेत्रीय प्रदर्शनी का आयोजन हुआ जिसमें स्टेडियम में टेंट में चित्रों को रस्सियों के सहारे लटका दिया गया था। इसमें मेरा भी एक चित्र लगा था। योगी साहब उन दिनों उ.प्र.रा.ल.क.अ. के अध्यक्ष हुआ करते थे, उनसे जब मैंने अगली प्रदर्शनी गाजियाबाद में आयोजित करने का आग्रह किया तो उन्होंने सहर्ष मेरा आग्रह स्वीकार लिया।
उन दिनों गाजियाबाद के जिलाधिकारी संतोष कुमार यादव थे। जब मैंने उनके सम्मुख इस प्रस्ताव को रखा तो उनके सहयोग ने मेरा उत्साह इतना बढ़ाया कि आज के गाजियाबाद में कला की स्थिति का स्वरूप आपके सम्मुख है। ‘कला उत्सव’ एक कला यात्रा के कुछ पड़ाव में अखिल भारतीय कला उत्सव गाजियाबाद के विविध वर्षों के स्मरणीय चित्रावलियां, कलाधाम और स्कल्पचर पार्क की स्थापना एवं मूर्तियों का लगाया जाना शहर को कलाओं के लिए भी पहचाने जाने को विवश कर रहा है। कलाओं की विविधता को यद्यपि चित्र और मूर्ति से बांधना उचित नहीं होगा, फिर भी इनकी उपादेयता अधिक प्रभावी इसलिए भी हो जाती है कि यह अपने आप में भावनाओं की अभिव्यक्ति का दर्शनीय स्वरूप् जो है। इन्हीं के साथ अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां भी हुईं हैं।
अखिल भारतीय कला उत्सव गाजियाबाद 2014 सभी तरह से नवीनता की उमंग और गाजियाबाद का एक कला पर्व फरवरी का महीना ठण्ड का धीरे धीरे घटना और एक और अखिल भारतीय कला उत्सव की तैयारी परीक्षाओं की तिथियाँ करीब फिर भी इसबार के आयोजन की कुछ खूबियां आ. संतोष कुमार यादव के साथ पूरी रूप रेखा पर विमर्श और कला उत्सव कि तैयारियां जिनमें सबसे पहले देश के कोने कोने के कलाकारों की स्वीकृति और उनका चयन था। चित्रकला विभाग के विद्यार्थियों का सहयोग और नगर वासियों का उत्साह इसबार के कला उत्सव को एक अनोखा स्वरुप बनाने में सहयोग, होटल मेला प्लाजा का आतिथ्य और उनके साथ ही श्री राजीव शर्मा की टीम का अभूतपूर्व सहयोग उक्त कला विकास के लिए अविस्मरणीय रहेगा।
आज षहर में चित्रकला और मूर्तिकला के दो केन्द्र हैं पर जब हमें कलाकृतियों के प्रदर्षन की आवष्यकता होती है तो यह दोनों स्थान पर्याप्त नहीं हैं उपयुक्त स्थान के लिये सम्भावनाएं है पर जब तक दूरदर्षी और कला प्रेमी प्रसाषक की दृश्टि इसपर नहीं जाएगी तब तक के लिये प्राधिकरण ने यह स्वीकारा है कि कविनगर सामुदायिक केन्द्र को इसके योग्य तैयार करा दिया जाय जो अब तैयार भी हो गया है।
उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी गाजियाबाद-2014-15 के आयोजन की जिम्मेदारी जब दी गयी तो अनिवार्यतः इसका दायित्व वहन करना पड़ा जिसमें उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी के इसबार के जटिलतम नियमों तथा महाविद्यालय की व्यस्तताओं के कारण निष्चित रूप से इस आयोजन में विलम्ब हुआ है। गाजियाबाद की क्षेत्रीय कला प्रदर्षनी आयोजन की अपनी गरिमा बनाये रख सके यह बड़ी जिम्मेदारी का काम है, यथा यत्न पूर्वक इस कार्य को आरम्भ किया गया। इस आयोजन में जिन सदस्यों की सहमति और सहयोग मिला उनमें डा.मधु जैन सहारनपुर, डा.निषा षर्मा मुजफ्फर नगर एवं डा.अर्चना रानी मेरठ के साथ सभी कला जिज्ञाशु आगे आये हैं। स्थानीय स्तर पर जिनका हर कदम पर सहयोग मिला उनमें प्रमुख रूप से चित्रकारों में डा.लता वर्मा, श्रीमती कविता बालियान, विकास कुमार सिंह, कुमार संतोष, नेहा अग्रवाल, षोभा पाल एवं षबनम हलीम के साथ एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थी तथा विभाग के प्रयोगषाला सहायक प्रदीप कुमार यादव अपने सहयोगियों राकेश कुमार गुप्ता व राम कुमार ने किया है।
प्रथम चरण के चयन में डा0 मामून नोमानी, अध्यक्ष, कला शिक्षा विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली एवं असुर वेद, टी-125, इंदिरा कालोनी, नरैला, दिल्ली-110040 ने डा0 लाल रत्नाकर, अध्यक्ष, चित्रकला विभाग के संयोजकत्व में किया गया। द्वितीय स्तर का चयन जितेन हजारिका 748 सेक्टर-29, नोएडा एवं डा. अश्वनी कुमार शर्मा 16/119, राम निवास, लाडली कटरा, शाहगंज, आगरा-10 तीन प्रतिभागियों की कृतियों को उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी की क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी गाजियाबाद-2014-15 हेतु दिये जाने वाले पुरस्कार रू.10000/ हेतु चयन किया। जिनमें संतोश कुमार- चित्र, षिवान यादव-मूर्ति एवं विनीता-चित्र के लिए चयनित की गयीं हैं।
आशा है इस आयोजन के सभी प्रतिभागी भविष्य में भी उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी, क्षेत्रीय कला व कलाकारों को प्रोत्साहित किए जाने हेतु बढ़ चढ़ कर योगदान करेगी। इस प्रकार के आयोजन में शहर के कला जिज्ञाषु, विविध क्षेत्रों के विशिष्टजनों व समाज के सुधीजनों का बहुत ही योगदान रहता है।
यह कला प्रदर्शनी अपने सुनियोजित कार्यक्रम के अनुसार सम्पन्न हुई 15.12.2015 उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता की श्री संतोष कुमार यादव जी रेजिडेण्ट कमिश्नर, मुख्य अतिथि रहे श्री विमल कुमार शर्मा जिलाधिकारी गाजियाबाद व श्री विजय कुमार यादव उपाध्यक्ष गा.वि.प्रा.गाजियाबाद। संचालन डा. प्रकाश चैधरी ने किया।
दिनांक.16.12.2015 व्यक्ति चित्र प्रदर्शन किया श्री संतोष कुमार साहनी ने दिनांक.17.12.2015 को संगोष्ठी समकालीन कला विमर्श में मुख्य वक्ता रहे श्री अशोक भौमिक नई दिल्ली से, डा.चित्र लेखा सिंह आगरा से इसी दिन एक घंटे की नाटिका का मंचन भी हुआ। दिनांक.18.12.2015 चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसका विषय था कला और समाज। दिनांक.19.12.2015 को कार्यक्रम का समापन हुआ जिसमें शिरकत करना था उ0 प्र0 राज्य ललित कला अकादमी की सचिव डा.रूबीना बेग को लेकिन वे विलम्ब से पहुंची।
-डा.लाल रत्नाकर
स्ंायोजक
क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी गाजियाबाद-2014-15
अध्यक्ष, चित्रकला विभाग,
एम.एम.एच. कालेज गाजियाबाद